नई दिल्ली। केंद्र की कोशिशों के बाद भी पंजाब और हरियाणा में इस बार फिर पराली जलना शुरू हो गया है। पिछले दो दिनों में इसे लेकर करीब दो सौ घटनाएं रिपोर्ट हुई है। हालांकि इन घटनाओं के रिपोर्ट होते ही केंद्र हरकत में आ गया है। साथ ही राज्यों से निगरानी बढ़ाने घटनाओं की हर दिन की जानकारी देने को लेकर नए निर्देश दिए है।
यह इसलिए भी चिंताजनक है, क्योंकि अभी सिर्फ उन्ही फसलों की कटाई शुरु हुई, जो एडवांस या 20 जून के पहले रोपी गई थी। क्योंकि 20 जून के बाद रोपी गई फसलों की कटाई 7 अक्टूबर के बाद शुरु होगी। ऐसे आने वाले दिनों में इन घटनाओं के बढ़ने की आशंका है। जिसके चलते दिल्ली और एनसीआर को पराली के जहरीले धुएं से परेशान होना पड़ सकता है। माना जा रहा है कि यह अगले हफ्ते में कभी भी केंद्र की बैठक बुलाई जा सकती है। हालांकि राज्यों के मंत्रियों के साथ यह बैठक सिंतबर में भी रखी गई थी, लेकिन अंतिम समय में इसे रद्द करना पड़ा था।
रोकथाम के लिए पीएमओ में हो चुकी बैठक
पंजाब और हरियाणा में पराली जलने की घटनाओं से दिल्ली में इस लिए भी खलबली है, क्योंकि इसकी रोकथाम को लेकर पीएमओ तक में बैठक हो चुकी है। जिसमें अफसरों ने पिछले साल आनन-फानन में तैयारियां का हवाला देते हुए खुद को बचा लिया था, साथ ही इस बार पहले से ही सारी तैयारियों को पूरा करने का दावा किया गया था। इसके तहत दोनों ही राज्यों में खेतों में ही पराली नष्ट करने वाली 50 हजार मशीनों को बांटे जाने का दावा किया गया था।
पिछले साल भी दोनों ही राज्यों में करीब 40 हजार मशीने बांटी गई थी, हालांकि इनमें काफी मशीने किसानों तक तब पहुंच पायी थी, जब फसलों की कटाई हो गई थी। खासबात यह है कि किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने करीब 12 सौ करोड़ की राशि भी जारी की थी। जिसमें पिछले साल करीब 500 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।