बिजनौर। जिले में कसौंदी की फली खाने से भाई- बहन ने दम तोड़ दिया। परिवार के दो मासूमों की मौत होने पर परिवार में मातम पसरा हुआ है।
चांदपुर के मोहल्ला चिम्मन निवासी जफर की छह साल की बेटी आयशा व चार साल के पुत्र फरमान ने गत आठ अक्तूबर को कसौंदी की फली खा ली थी। हालत बिगड़ने पर आयशा को चांदपुर के ही एक चिकित्सक के यहां भर्ती कराया गया। वहां नौ अक्तूबर को आयशा ने दम तोड़ दिया। इसके बाद फरमान की हालत बिगड़ गई। उसे दस अक्तूबर को बिजनौर के एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया। गुरुवार देर रात फरमान ने वहां दम तोड़ दिया। भाई बहन की मौत से परिवार में कोहराम मचा है। मोहल्ले में भी शोक व्याप्त हो गया।
वहीं, कसौंदी की फली को लेकर लोगों में दहशत बनी हुई है, क्योंकि बच्चे खेलने के दौरान गलती से कसौंदी की फली खा लेते हैं। यह फली केवल मासूम बच्चों की जान लेती है। इससे बच्चों को चौकस करने का कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। शुरुआत में कसौंदी के पेड़ के खिलाफ अभियान चला था और लोगों ने खुद इसे उखाड़ना शुरू कर दिया था। लेकिन अब कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
चिकित्सकों का कहना है कि कसौंदी की फली छोटे बच्चों के लिए घातक है। फली अगर बच्चे ने खा ली, तो उसका बचना मुश्किल है। अगर बड़े भी ज्यादा तादाद में फली खा लें तो उनकी भी जान जा सकती है। यह फली हर साल कई मासूम बच्चों की जान लेती है।
कसौंदी की फली खाने से गई मासूम भाई-बहन की जान